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रऊफ़ खैर
,{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ अगर अनार में वो रौशनी नहीं भरता / रऊफ़ खैर]]* [[धरती से दूर हैं न क़रीब आसमाँ से हम / रऊफ़ खैर]]* [[गिरफ़्तारी के सब हरबे शिकारी ले के निकला है / रऊफ़ खैर]]* [[हम अगर रद्द-ए-अमल अपना दिखाने लग जाएँ / रऊफ़ खैर]]* [[जुनूँ-पसंद हरीफ़-ए-ख़िरद तो हम भी हैं / रऊफ़ खैर]]* [[कोई भी ज़ोर ख़रीदार पर नहीं चलता / रऊफ़ खैर]]* [[लुभा रही तो है दुनिया चमक दमक की मुझे / रऊफ़ खैर]]* [[शर्तों पे अपनी खेलने वाले तो हैं वही / रऊफ़ खैर]]* [[वो ख़ुश-सुख़न तो किसी पैरवी से ख़ुश न हुआ / रऊफ़ खैर]]* [[ज़बाँ पे हर्फ़ तो इंकार में नहीं आता / रऊफ़ खैर]]