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ग़रीब पर अत्याचार,
बलात्कार !
कहीं कोई आवाज़ नहीं
और अमीर पर हो जाएं
पीड़िता
पिछले वित्तीय वर्ष का
अध्याय हो गई ।गई।
</Poem>