भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
/* ग़ज़लें */
{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ अगरचे इश्क़ में इक बे-ख़ुदी सी रहती है / 'शमीम' करहानी]]* [[अनमोल सही नायाब सही बे-दाम-ओ-दिरम बिक जाते हैं / 'शमीम' करहानी]]* [[चमन लहक रे रह गया घटा मचल के रह गई / 'शमीम' करहानी]]* [[दर्द-शनास दिल नहीं जलवा-तलब नज़र नहीं / 'शमीम' करहानी]]* [[ग़म दो आलम का जो मिलता है तो ग़म होता है / 'शमीम' करहानी]]* [[हुजूम-ए-दर्द में ख़ंदाँ है कौन मेरे सिवा / 'शमीम' करहानी]]* [[जो देखते हुए नक़्श-ए-क़दम गए होंगे / 'शमीम' करहानी]]* [[जो मिल गई हैं निगाहें कभी निगाहों से / 'शमीम' करहानी]]* [[निकल पड़े हैं सनम रात के शिवाले से / 'शमीम' करहानी]]* [[क़ैद-ए-ग़म-ए-हयात से हम को छुड़ा लिया / 'शमीम' करहानी]]* [[रखना है तो फूलों को तू रख ले निगाहों में / 'शमीम' करहानी]]* [[समझे हैं मफ़हूम नज़र का दिल का इशारा जाने है / 'शमीम' करहानी]]* [[शराब ओ शेर के साँचे में ढल के आई है / 'शमीम' करहानी]]* [[वो दिल भी जलाते हैं रख देते हैं मरहम भी / 'शमीम' करहानी]]* [[याद की सुब्ह ढल गई शौक़ की शाम हो गई / 'शमीम' करहानी]]* [[ये ख़ुशी ग़म-ए-ज़माना का शिकार हो न जाए / 'शमीम' करहानी]]* [[ज़ुल्मत-गह-ए-दौराँ में सुब्ह-ए-चमन-ए-दिल ह / 'शमीम' करहानी]]