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|रचनाकार=रति सक्सेना
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1
'''याद-1<br><br>खिड़की बन्द कर दीदरवाजा पलट दियारोशनदानों के कानों मेंकपड़ा ठूँस दिया
खिड़की बन्द कर दी<br>कोई सूराख ना रहा जिसेदरवाजा पलट दिया<br>बन्द न किया गया रोशनदानों के कानों में<br>फिर भी न जाने कब और कैसेकपड़ा ठूँस दिया<br><br>याद से घर भर गया
कोई सूराख ना रहा जिसे<br>बन्द न किया गया <br>फिर भी न जाने कब और कैसे<br>याद से घर भर गया<br><br>2
'''पहली याद-2<br><br>आईतिनका धर चली गईदूसरी ने तिनकों परसजा दिए तिनकेघोंसला चहचहा उठा
पहली याद आई<br>तिनका धर चली गई<br>दूसरी ने तिनकों पर<br>सजा दिए तिनके<br>घोंसला चहचहा उठा<br><br>3
'''याद-3<br><br>मानसून का रुख़ बदलाहवा सूख कर चिमट गईथम गईं साँसेबादल टकरा उठे फेफड़ों से
मानसून का रुख़ बदला<br>हवा सूख कर चिमट गई<br>थम गईं साँसे<br>बादल टकरा उठे फेफड़ों से<br><br> फरफराती कुछ बूंदें<br>नाचती पत्तियों पे<br>बरसात क्या आई<br>
यादें बरस गईं
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