भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=रति सक्सेना
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
उन सभी कदमो को
गिन कर देखूँ यदि
तुम्हारे साथ चले थे मैंने
पाँव फिर से
चलना भूल जाएँ
सड़क भूल जाए रास्ता
उन सभी कदमो लम्हों को<br>गिन जोड़ कर देखूँ यदि<br>बिताए थे तुम्हारे साथ चले थे मैंने<br>पाँव फिर से <br>चलना भूल जाएँ<br>सड़क भूल समय की धड़कन रुक जाए रास्ता<br><br>
उन लम्हों उस आँच को जोड़ कर देखूँ<br>बिताए थे तुम्हारे साथ<br>क्या पहचानोगे तुमसमय की धड़कन रुक जाए<br><br>जिस में पकता रहा मेराअन्तस रस
उस आँच को <br>क्या पहचानोगे तुम<br>जिस में पकता रहा मेरा<br>अन्तस रस<br><br> तुम्हारे हर कदम<br>हर साथ<br>हर बून्द प्यार<br>
चांदनी की उधारी था
</poem>