भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
हिज्जे
<br>
झुलासाता जेठ मास <br>
शरद चाँदनी चांदनी उदास <br>
सिसकी भरते सावन का <br>
अंतर्घट रीत गया <br>
किंतु विकल प्राण विहग <br>
धरती से अम्बर तक <br>
गूँज गूंज मुक्ति गीत गया <br>
एक बरस बीत गया <br>
<br>
Anonymous user