भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार= जॉन एलिया
}}{{KKVID|v=aGYA9IyQ0hMQidwuaST6vs}}[[Category:ग़ज़ल]]{{KKCatGhazal}}
<poem>
रूह प्यासी कहाँ से आती है
तू है पहलू में फिर तेरी खुशबू
होके बासी कहाँ से आती है
</poem>