भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह= कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास
}}
{{KKVID|v=R0UBIJrseUcQ1PXYmO79vc}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
ज़माना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर ये है
तुम्हें मेरी जरूरत है मुझे तेरी जरूरत है||11||
</poem>