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'''Bold text'''ईमान हुआ बेघर, कुछ कीजिए ।<br>

भटकता है दर–बदर ,कुछ कीजिए ।<br>

फ़रेब के सैलाब से न बच सके <br>

परेशान है रहबर ,कुछ कीजिए ।<br>

रहनुमा बनकर जो कल गले मिले।<br>

वे लिये आज ख़ज़र,कुछ कीजिए ।<br>

बेहया हो गया मौसम बहार का ।<br>

मुश्किल है बहुत सफ़र,कुछ कीजिए ।<br>

ख़ुदा! तू भी परेशान ही होगा<br>

तेरा ख़ौफ़ बेअसर ,कुछ कीजिए ।<br>
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