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|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>विदा देती एक दुबली बाँह सी यह मेड़ <br>अंधेरे में छूटते चुपचाप बूढ़े पेड़<br><br>
ख़त्म होने को ना आएगी कभी क्या <br>एक उजड़ी माँग सी यह धूल धूसर राह? <br>एक दिन क्या मुझी को पी जाएगी <br>यह सफर की प्यास, अबुझ, अथाह? <br><br>
क्या यही सब साथ मेरे जायेंगे <br>ऊँघते कस्बे, पुराने पुल? <br>पाँव में लिपटी हुई यह धनुष-सी दुहरी नदी <br>बींध देगी क्या मुझे बिलकुल?<br>