भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
/* ग़ज़लें */
{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ फ़ासला यूँ तो बस मकाँ भर था / नज़ीर आज़ाद]]* [[क्या रात कटी अपनी उलझते हुए जाँ से / नज़ीर आज़ाद]]* [[सवार-ए-वक़्त है वो फ़ासलों से आगे है / नज़ीर आज़ाद]]* [[ज़र्रा ज़र्रा मंज़र-ब-मंज़ी तिश्नगी / नज़ीर आज़ाद]]