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|रचनाकार=अज्ञात
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|भाषा=भोजपुरी
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<poem>
ये सरगऽ में बसेले बर्हम बाबाऽ, उन्हउ के नेवतबि।
ये सरगऽ में बसेले महादेव बाबाऽ, उन्हउ के नेवतबि।
'''दुआरी छेंकौनी गीत'''<br>छोड़ीं-छोड़ीं सखी सबे रोकल दुआर हे<br>मोर दुलहा बाड़े लड़िका नादान हे।<br>अहिरा के जात हंउअन बोली पतिशाह हे<br>कइसे में छोड़ीं सखी रोकल दुआर हे<br>तोर दुलहा बाड़े सखी लड़िका नादान हे।<br><br>
'''दुल्हे का उत्तर'''<br>अहिरा के जात हईं बोली पतिशाह रे काहे के बाबा तोर गइले पूजन रे। काहे के भइया तोर गइले बोलावे रे।<br><br/poem>