भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पितर नेवतौनी / भोजपुरी

21 bytes removed, 07:39, 21 सितम्बर 2013
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}{{KKCatBhojpuriRachna}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=भोजपुरी
}}
<poem>
ये सरगऽ में बसेले बर्हम बाबाऽ, उन्हउ के नेवतबि।
ये सरगऽ में बसेले महादेव बाबाऽ, उन्हउ के नेवतबि।
ये सरगऽ में बसेले बर्हम बाबाऽ, उन्हउ के नेवतबि।<br>ये सरगऽ में बसेले महादेव बाबाऽ, उन्हउ के नेवतबि।<br><br> इसी तरह ठाकुर बाबा, सुरुज, खिरलिच, काली, दुर्गा, चन्द्रमा, अछैबट सभी देवता एवं उनकी पत्नी देवी का और सभी कीड़ों-मकोड़ों का भी आवाहन किया जाता है।<br><br>
'''दुआरी छेंकौनी गीत'''<br>छोड़ीं-छोड़ीं सखी सबे रोकल दुआर हे<br>मोर दुलहा बाड़े लड़िका नादान हे।<br>अहिरा के जात हंउअन बोली पतिशाह हे<br>कइसे में छोड़ीं सखी रोकल दुआर हे<br>तोर दुलहा बाड़े सखी लड़िका नादान हे।<br><br>
'''दुल्हे का उत्तर'''<br>अहिरा के जात हईं बोली पतिशाह रे काहे के बाबा तोर गइले पूजन रे। काहे के भइया तोर गइले बोलावे रे।<br><br/poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,132
edits