भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|भाषा=भोजपुरी
}}
{{KKCatBhojpuriRachna}}<poem>
छलकल गगरिया रे मोर निरमोहिया
छलकल गगरिया मोर
बिरही मोरनियाँ मोरवा निहारे
पापी पपिहरा पिउ-पिउ पुकारे
पियवा गइल कउनी ओर निरमोहिया
छलकल गगरिया मोर... कि... छलकल गगरिया मोर
</poem>