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खींचो खींचो / अशोक चक्रधर

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कैमरा हो हमेशा तुम्हारे पास,<br>
आंखों से ही खींच लो<br>
समंदर की लहरें<br> पेड़ों की पत्तियां<br> मैदान की घास !<br><br>