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|संग्रह=बोली तूं सुरतां / प्रमोद कुमार शर्मा
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बो हांस्यो:
बीं रै हाथ मांय अस्त्र हा परमाणु
जड़ है
बल्कि बारै है संसार स्यूं
जे कर तूं नही है चालाक !
साच्यांई
परमाणु विखंडन मांय
सबस्यूं पैलां निकळसी चालाकी।
इत्ती सफाई स्यूं होवण लाग रैयौ है युद्ध
अर म्हैं बेखबर !
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