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|रचनाकार=भंवर भादाणी |संग्रह=थार बोलै / भंवर भादाणी
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जाणै है सगळा लोग -
तपते तावड़ै री तीख
कदे ई
आवैला
ठण्डी पून री लैरयां ।लैरयां।
</Poem>