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पिणघट / सत्यप्रकाश जोशी

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|रचनाकार=सत्यप्रकाश जोशी |संग्रह=राधा / सत्यप्रकाश जोशी
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<Poempoem
सांझ पड़या घर जांऊ रे कांन्ह
तौ मावड़ पूछै-मटकी कठै ?धीवड़ थारी मटकी कठै ?
म्हैं छिण एक
मावड़ नै देखूं
तौ सांमी देख्यौ नीं जावै
कांई मिस करूं ?कांई बात बणाऊं ?
म्हारी हेजळी जांमण नै
कीकर भरमांऊ ?कीकर बिलमांऊ ?
म्हारी रातादेई मां
कुण जांणै कांई समझै ?मावड़ सूं कद छानी रैवै बेटी री बातां ?
नित नवी मटकी सूंपै
मीठी भोळावण नित, मीठी सीखां देवै।
पण म्हैं थनै कद जतळायौ रै कांन्ह !कद जतळायो ?
आज मन रौ म्यांनौ दरसाऊं
मुगती देवै।
पण सांझ पड़़़यां पड़़यां घर जांऊ रे कांन्ह !तौ मावड़ पूछै-मटकी कठै ?धीवड़ थारी मटकी कठै ? </Poempoem>
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