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|रचनाकार=सत्यप्रकाश जोशी |संग्रह=राधा / सत्यप्रकाश जोशी
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<Poempoem>
बावळी साथण
म्हनैं कुंज रै दुवारै
कुण कितरौ रीतौ है
पोतौ मिळ जासी।
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