भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छंद त्रिभंगी / शम्भुदान चारण

35 bytes removed, 04:47, 18 अक्टूबर 2013
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatRajasthaniRachna}}{{KKCatKavita‎}}<poem>साजै मन सुरा निरगुन नुरा जोग जरूरा भरपूरा ,
दीसे नहि दूरा हरी हजुरा परख्या पूरा घट मूरा
जो मिले मजूरा एष्ट सबूरा दुःख हो दूरा मोजीशा
माता पितु मानी सेव सुहानी पोषण पामी हीतू जानी
बोधा गुरु बाणी स्वेम सुहानी सिंम्भ बखानी नीज आशा
आतम तत आशा जोग जुलासा श्वांस ऊसासा सुखवासा || ७ ||</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,137
edits