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|संग्रह=उजास रा सुपना / शिवराज भारतीय
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<Poempoem>
म्हैं पूछ्यो
थे अतरै सालां सूं
जे सगळां रो मिनखपणो जागज्यै
पछै
म्हानै कुण पूछै ? </Poempoem>