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|रचनाकार=शिवराज भारतीय
|संग्रह=रंग-रंगीलो म्हारो देस / शिवराज भारतीय
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लाड कोड रो समंदर मां,
मो‘ ममता रो मिदंर मां।
मां री होड़ करै कुण दूजो,
परमेसर भी पूजै मां।
</poem>