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|रचनाकार=गंगाराम शिवारेअज्ञात
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''सुआ गीत हमेशा एक ही बोल से शुरु होता है और वह बोल हैं'' -
'''तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना'''
<poem>
और गीत के बीच-बीच में ये दुहराई जाती हैं। गीत की गति तालियों के साथ आगे बढ़ती है।