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'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरकीरत हकीर }} {{KKCatNazm}} <poem>आंसुओं में र...' के साथ नया पन्ना बनाया
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|रचनाकार=हरकीरत हकीर
}}
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<poem>आंसुओं में रुल गई बाबुल
तेरे प्यार की कविता …
है राहों में उदासी
ज़िन्दगी में सूनापन
हार कर थम गए कदम
मन रह गया रीता
आंसुओं में रुल गई बाबुल
तेरे प्यार की कविता …
फूलों की ये शाख कैसे
पैरों में रुल गई
ज़ख्मों के साथ कैसे
पत्ती - पत्ती छिज गई
आ देख जा एक बार बाबुल
दिल टुकड़े- टुकड़े हुआ जाता
आंसुओं में रुल गई बाबुल
तेरे प्यार की कविता …
मौत को उडीकती हूँ
मौत भी आई न
रोती तेरी बेटी किसी ने
सीने से लगाई न
आ सीने से लगा ले बाबुल
गम पीया नहीं जाता
आंसुओं में रुल गई बाबुल
तेरे प्यार की कविता … !!
</poem>
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|रचनाकार=हरकीरत हकीर
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<poem>आंसुओं में रुल गई बाबुल
तेरे प्यार की कविता …
है राहों में उदासी
ज़िन्दगी में सूनापन
हार कर थम गए कदम
मन रह गया रीता
आंसुओं में रुल गई बाबुल
तेरे प्यार की कविता …
फूलों की ये शाख कैसे
पैरों में रुल गई
ज़ख्मों के साथ कैसे
पत्ती - पत्ती छिज गई
आ देख जा एक बार बाबुल
दिल टुकड़े- टुकड़े हुआ जाता
आंसुओं में रुल गई बाबुल
तेरे प्यार की कविता …
मौत को उडीकती हूँ
मौत भी आई न
रोती तेरी बेटी किसी ने
सीने से लगाई न
आ सीने से लगा ले बाबुल
गम पीया नहीं जाता
आंसुओं में रुल गई बाबुल
तेरे प्यार की कविता … !!
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