भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुहब्बत का रंग / हरकीरत हकीर

1,200 bytes added, 07:52, 26 अक्टूबर 2013
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरकीरत हकीर }} {{KKCatNazm}} <poem>मेरे पास नही...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हरकीरत हकीर
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>मेरे पास नहीं हैं
तुम्हारे प्यार के काबिल मुहब्बत के रंग
मैं कैसे कोई तस्वीर बनाऊँ …. ?

अपने आप के रंगों से
जब भी मैं खींचती हूँ लकीरें
कोई बुत सा उतर आता है …
कुछ और लकीरें खींचती हूँ
कई सारी परछाइयां हैं
कुछ और लकीरें खींचती हूँ
सूखे दरख़्त , बिखरे घरौंदे ,कब्रें …
मैं और खींचती हूँ …
अँधेरे आलिंगन में लेकर
दहाड़ें मारने लगते हैं …

बता मैं …
इन सूखे हुए रंगों से
तुम्हारे कैनवास पर
मुहब्बत का रंग
कैसे उकेरूँ ………!?!
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits