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'''{{KKGlobal}}{{KKLokRachna|रचनाकार=अज्ञात}}{{KKLokGeetBhaashaSoochi|भाषा=अवधी}}{{KKCatAwadhiRachna}}<poem>लगत चईत महिनवा देबी जी आई गईं भवनवा <br> मईया के मागिय में लाल लाल सिंदुरवा <br> चमचम चमके टिकुलिया <br> देबी जी आई गईं भवनवा <br> मईया के हथवा में लाल लाल चुडिया <br>चमचम चमके कंगनवा <br> देबी जी आई गईं भवनवा <br>
मईया के अंगे लहंगा सोहेv
चमचम चमके चुनरिया <br> देबी जी आई गईं भवनवा <br> मईया के पैरों में पायल सोहे <br> चमचम चमके बिछुववा <br>देबी जी आई गईं भवनवा <br/poem>''' -०-
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