भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
/* ग़ज़लें */
{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ अब के जुनूँ में लज़्ज़त-ए-आज़ार भी नहीं / बशीर फ़ारूक़ी]]* [[लोगों हम छान चुके जा के संमुदर सारे / बशीर फ़ारूक़ी]]* [[मैं जितनी देर तिरी याद में उदास रहा / बशीर फ़ारूक़ी]]* [[मिरे बदन में छुपी आग को हवा देगा / बशीर फ़ारूक़ी]]* [[शहर-ए-फ़स्ल-ए-गुल से चल कर पत्थरों के दरमियाँ / बशीर फ़ारूक़ी]]* [[तजि़्केरे में तिरे इक नाम को यूँ जोड़ दिया / बशीर फ़ारूक़ी]]