भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=किरण राजपुरोहित ‘नितिला’ |संग्र...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=किरण राजपुरोहित ‘नितिला’
|संग्रह=मंडाण / नीरज दइया
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>भासा रा भाखर चढता
थाकै आखर
पांगळो ई रैय जावै
अरथावणो।
निज भासा बिन
होय जावै अंधारो
डूबै- जिण में इतियास।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits