Changes

हमारा डम्मी / विपिन चौधरी

No change in size, 19:03, 14 दिसम्बर 2013
<poem>
किसी अलमस्त बेहोशी में हम नेक काम कर दिया करते हैं गाय को आटा
या काले कुते को दो सुखी सूखी-बासी रोटी डालने का बेजोड़ काम इसी तरह
धूप मे पेन बेचती लडकी से १० रुपए का पेन ख़रीद कर
हम समाज के प्रति अपना उतरदायित्व निभाते आए थे
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,214
edits