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Kavita Kosh से
मैं अति दीन सर्वथा सब विधि, हूँ अयोग्य असमर्थ मलीन।
नहीं तनिक बल-पौरुष, आश्रय अन्य नहीं, सब साधन-हीन॥
नहीं जानता भुक्ति-मुक्ति मैं, नहीं जानता है ?या क्या बन्ध।
एक तुम्हारे सिवा कहीं भी मेरा रह न गया सबन्ध॥
नहीं जानता तुम कैसे हो, क्या हो, नहीं जानता तव।