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'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोपालदास "नीरज" |अनुवादक= |संग्रह=ग...' के साथ नया पन्ना बनाया
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{{KKRachna
|रचनाकार=गोपालदास "नीरज"
|अनुवादक=
|संग्रह=गीत जो गाए नहीं / गोपालदास "नीरज"
}}
{{KKCatGeet}}
<poem>
आज आँधी आ रही है!
पथिक ने जो छोड़ दी थी,
आग बुझने जा रही थी,
पर सुलग कर फ़िर वही अब विश्व-विपिन जला रही!
आज आँधी आ रही!
जा रहे खग, पशु घरों को
किन्तु मैं जाऊँ कहाँ को,
जब कि मेरे हृदय ही में हाय, यह मंडरा रही है!
आज आँधी आ रही है!
काँपते हैं प्राण दुर्बल
हो रही है घोर हलचल,
वायु इतनी आ रही, पर प्राण-वायु जा रही है!
आज आँधी आ रही है!
</poem>
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|रचनाकार=गोपालदास "नीरज"
|अनुवादक=
|संग्रह=गीत जो गाए नहीं / गोपालदास "नीरज"
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<poem>
आज आँधी आ रही है!
पथिक ने जो छोड़ दी थी,
आग बुझने जा रही थी,
पर सुलग कर फ़िर वही अब विश्व-विपिन जला रही!
आज आँधी आ रही!
जा रहे खग, पशु घरों को
किन्तु मैं जाऊँ कहाँ को,
जब कि मेरे हृदय ही में हाय, यह मंडरा रही है!
आज आँधी आ रही है!
काँपते हैं प्राण दुर्बल
हो रही है घोर हलचल,
वायु इतनी आ रही, पर प्राण-वायु जा रही है!
आज आँधी आ रही है!
</poem>