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/* श्रीकृष्ण के प्रेमोद्गार */
* [[आतुर मैं अत्यन्त सदा तुमसे / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
* [[विषय-कामना, भोग-रति / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
* [[प्रिये! तुहारी तुम्हारी मूर्ति नित अपृथक् / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]* [[राधे! क्यों मैं रीझा तुमपर तुम पर / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]