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Kavita Kosh से
|रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल
}}
{{KKCatKavita}}<poeM>ओस-बूंद कहती है; लिख दूं
नव-गुलाब पर मन की बात।
कवि कहता है : मैं भी लिख दूं