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{{KKRachna
|रचनाकार=केदारनाथ सिंह
|अनुवादक=
|संग्रह=सृष्टि पर पहरा / केदारनाथ सिंह
}}
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<poem>
हिंदी मेरा देश है
भोजपुरी मेरा घर
....मैं दोनों को प्यार करता हूं
और देखिए न मेरी मुश्किल
पिछले साठ बरसों से
दोनों को दोनों में
खोज रहा हूं।
</poem>
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|रचनाकार=केदारनाथ सिंह
|अनुवादक=
|संग्रह=सृष्टि पर पहरा / केदारनाथ सिंह
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हिंदी मेरा देश है
भोजपुरी मेरा घर
....मैं दोनों को प्यार करता हूं
और देखिए न मेरी मुश्किल
पिछले साठ बरसों से
दोनों को दोनों में
खोज रहा हूं।
</poem>