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साँचा:KKPoemOfTheWeek

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<div style="font-size:120%; color:#a00000; text-align: center;">
मजदूर का जन्मतुम सामने आते हो पहलू बदल बदल कर</div>
<div style="text-align: center;">
रचनाकार: [[केदारनाथ अग्रवालसुरेश सलिल]]
</div>
<div style="border: 1px solid #ccc; box-shadow: 0 0 10px #ccc inset; font-size: 16px; line-height: 0; margin: 0 auto; min-height: 590px; padding: 20px 20px 20px 20px; white-space: pre;"><div style="float:left; padding:0 25px 0 0">[[चित्र:Kk-poem-border-1.png|link=]]</div>
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !तुम सामने आते हो पहलू बदल-बदल करहाथी सा बलवान,बिजली-सी गिराते हो पहलू बदल-बदल करजहाजी हाथों वाला और हुआ !सूरजइस आइने में देखूँ -सा इन्सान,उस आइने में देखूँतरेरी आँखोंवाला और हुआ !!कुछ राज़ छिपाते हो पहलू बदल-बदल करएक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!माता रही विचारपहलू बदल-बदल कर इक़रार-ए-इश्क़ कैसाउँगली पे' नचाते हो,पहलू बदल-बदल करअँधेरा हरनेवाला और हुआ !दादा रहे निहारतुमको ही रिझाने को, ये सारी ग़ज़लगोईसबेरा करनेवाला और हुआ !!एक हथौड़ेवाला घर हर शे'र में और हुआ !आते हो, पहलू बदल-बदल करजनता रही पुकारसलामत लानेवाला और हुआ !इर्शाद-ओ-मुक़र्रर की उम्मीद कौन बाँधेसुन ले री सरकार!जब शमअ हटाते हो, पहलू बदल-बदल करकयामत ढानेवाला और हुआ !!एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !(रचनाकाल : 2003)
</div>
</div></div>
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