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भरि गेल मानसक पोखरि
तरि गेल पातकी यौवन
वासनवासना विकारक तल सं मँहकैत हमर छल कोरा तोँ आबि गेलीह जेनाकिजनु हो दह्कैत अंगोरा दुहू मोनक तान तरंगिनि सं गंगा यमुना संगम तनुजा निःसृता सरस्वतिक' देलि तनो केँ अनुपम तोँ छह यथार्थ मे देवी वरु दाइ कहावह ओना बेटा तोँ स्वार्थक चानीबेटी परमार्थक सोना बेटा पर नांची कूदी पीटी थारी आ बाटी बेटी पर कानी खीझी ई केहेन क्रूर परिपाटी
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