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ख़ासकर मेरे लिए दोज़ख़ नया तामीर<ref>निर्माण</ref> हो
अलग़रज़<ref>अधिक क्या कहूँ, किंबहुना</ref> जो कुछ हो मुम्किन वो मेरी तहक़ीर<ref>्दुर्दशादुर्दशा</ref> हो
हो भयानक से भयानक भी मेरा आख़ीर हो
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