भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |संग्रह=सब के साथ ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|संग्रह=सब के साथ मिल जाएगा / राजेन्द्र जोशी
}}
{{KKCatKavita}}<poem>मेरी माँ
तू भी कितनी भोली है
सबको सहन करती है
तेरा ऑपरेशन रोज चलता है
तुझे खून की जरूरत नहीं
मेरी माँ!
तेरा पेट बड़ा तो है
रोज इसको भरती है
कभी पाइप, कभी तार
तो कभी जार, तो कभी वार,
तो कभी मार
फिर भी सबको सहन करती है
यह सिलसिला कब तक चलेगा
मेरी माँ!
सबका अधिकार है तेरे पर
सबको सहन करती हो,
मेरी माँ
अपनी रखड़ी तो संभाल।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|संग्रह=सब के साथ मिल जाएगा / राजेन्द्र जोशी
}}
{{KKCatKavita}}<poem>मेरी माँ
तू भी कितनी भोली है
सबको सहन करती है
तेरा ऑपरेशन रोज चलता है
तुझे खून की जरूरत नहीं
मेरी माँ!
तेरा पेट बड़ा तो है
रोज इसको भरती है
कभी पाइप, कभी तार
तो कभी जार, तो कभी वार,
तो कभी मार
फिर भी सबको सहन करती है
यह सिलसिला कब तक चलेगा
मेरी माँ!
सबका अधिकार है तेरे पर
सबको सहन करती हो,
मेरी माँ
अपनी रखड़ी तो संभाल।
</poem>