भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=देवकरण जोशी |संग्रह=मंडाण / नीरज द...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=देवकरण जोशी
|संग्रह=मंडाण / नीरज दइया
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>ओ है कूवो
गयो नीं कदैई
तिरसायां कनै
आया तिरसाया ई
तिरस बुझावण नैं अठै
पण केई दिनां सूं
ओ है साव सूनो
मिनख तो मिनख
हेरी’ज जावै
सांसर ई
आवतां इन्नै
क्यूंकै अबै ओ
होयग्यो बिरावणो।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits