भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
ग़ालिब
,/* ग़ालिब की कुछ रचनाएँ */
* [[आमद-ए-सैलाब-ए-तूफ़न-ए सदाए आब है / ग़ालिब]]
* [[उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब / ग़ालिब]]
* [[क्या तनग तंग हम सितमज़दगां का जहान है / ग़ालिब]]
* [[कहते तो हो तुम सब कि बुत-ए-ग़ालिया-मू आए / ग़ालिब]]
* [[क़यामत है कि सुन लैला का दश्त-ए-क़ैस में आना / ग़ालिब]]