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<poem>
बोले माई गोवर्धन पर मुरवा ।
तेसी ये श्यामघन मुरली बजाई, तेसेई उठे झुमधुरवा ॥१॥
बडी बडी बूंदन वरषन लाग्यो, पवन चलत अति झुरवा।
सूरदास प्रभु तुम्हारे मिलन को निश जागत भयो भुरवा ॥२॥
</poem>
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