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Kavita Kosh से
हिलाओ, झकझोरो<br>
जिन्हे गिरना हो गिर जाएँ<br>
::::जाएँ जाएँ<br><br>
पत्र-पुष्प जितने भी चाहो<br>
एक अनुरोध मेरा मान लो<br>
सुरभि हमारी यह<br>
::::हमें बड़ी प्यारी है<br>
इसको सँभाल कर जहाँ जाना<br>
::::ले जाना<br><br>
इसे<br>
तुम्हे सौंपता हूँ।<br><br>