भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पिता |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पुष्पिता
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
राग की आग
--------------------------
राग की आग
भिजोती है
और अपनी
आर्द्रता में दग्ध करती है।

अर्क
--------------------------
देखती हूँ
प्रणय के चाँद को
एकटक
कि चाँदनी का अर्क
उतर आए
प्रणय की तरह।

प्रणयाकाश
-------------
प्रेम
मन को परत-दर-परत
खोलता है
और रचता है आकाश।

हथेली
---------
प्रणय
हथेली में
रखा हुआ
मधु-पुष्प है

साथ उड़ान की शक्ति
-------------------------
रचता है
शब्दों में
पृथ्वी का कोमलतम स्पर्श
सारी क्रूरताओं के विरूद्ध।
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits