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अंतर्ध्वनि / पुष्पिता

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<poem>
औरत
चुप रही
दुनिया बोलती रही।

ऐसे ही
एक सदी बीत गई।

औरत
सुनती रही है
दुनिया के खोखले
और डरावने शब्द।

बच्चे
जिन्हें मुखौटा कहते हैं।
</poem>
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