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{{KKAarti|रचनाकार=KKDharmikRachna}}{{KKCatArti}}<poem> आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ।<BR>साईं बाबा।चरणों के तेरे हम पुजारी साईँ बाबा ॥<BR><BR>साईं बाबा।
विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो<BR>तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो<BR>हे जगदाता अवतारे, साईँ बाबा ।<BR>साईं बाबा।आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥<BR><BR>साईं बाबा।
ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी<BR>ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी <BR>सुन लो विनती हमारी साईँ बाबा ।<BR>साईं बाबा।आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥<BR><BR>साईं बाबा।
आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति <BR>सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति<BR>शिरडी के संत चमत्कारी साईँ बाबा ।<BR>साईं बाबा।आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥<BR><BR>साईं बाबा।
भक्तों की खातिर, जनम लिये तुम<BR>प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम<BR>दुखिया जनों के हितकारी साईँ बाबा ।<BR>साईं बाबा।आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा ॥साईं बाबा।<BR/poem>
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