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{{KKAarti|रचनाकार=KKDharmikRachna}}{{KKCatArti}}<poem>जय कालिंदी, हरिप्रिया जय।<BR>जय रवि तवया, तपोमयी जय॥ जय ..<BR>जय श्यामा, अति अभिराम जय।<BR>जय सुखदा, श्रीहरि रामा जय॥ जय ..<BR>जय ब्रज मण्डलवासिनि जय-जय।<BR>जय द्वारकानिवासिनि जय-जय॥ जय ..<BR>जय कलि कलुष नसावनि जय-जय ।<BR>जय।जय यमुने जय पावनि, जय-जय॥ जय ..<BR>जय निर्वाण प्रदायिनि जय-जय।<BR>जय हरि प्रेमदायिनी जय-जय॥ जय ...</poem>