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/* व्यवहार-परमार्थ */
* [[करत नहिं क्यों प्रभु पर बिस्वास / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
* [[जन्म-मरण के दुःख भयानक से / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
* [[अगर चाहते परम शान्ति, तो / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]* [[सेवा करो जगतकी तनसे जगत की तन से / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
* [[अपने भले-बुरे का पूरा दे दो / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
* [[प्रकृति-जगत के भोग सभी हैं / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]