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{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>पिया सूतल सुख निन्दिया, जगाबहु से ने जागय हे
ललना हे, घेरी आयल करी रे बदरबा, सुन्न घरमे डर लागू हे
बादरि घेरल घनघोर, दामिनि चमकाओल हे
ललना हे, चिहुँकि चिहँकि भेल भोर, बालम नहि जागल हे
सासु ननदिया बरिनियां, असोरबामे जागल हे
ललना हे, बाजय पयरक पैजनियाँ, कि झनाझन उठय हे
दादुर चहुँदिसि बोलय, तन जागय, छतिया धड़कि उठय हे
</poem>
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|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
}}
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<poem>पिया सूतल सुख निन्दिया, जगाबहु से ने जागय हे
ललना हे, घेरी आयल करी रे बदरबा, सुन्न घरमे डर लागू हे
बादरि घेरल घनघोर, दामिनि चमकाओल हे
ललना हे, चिहुँकि चिहँकि भेल भोर, बालम नहि जागल हे
सासु ननदिया बरिनियां, असोरबामे जागल हे
ललना हे, बाजय पयरक पैजनियाँ, कि झनाझन उठय हे
दादुर चहुँदिसि बोलय, तन जागय, छतिया धड़कि उठय हे
</poem>