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{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>मरि गेलों हे पजरबा व्यथा सँ
मरि गेलों दरदिया व्यथा लियऽ लियऽ सासु अपन पोता
आब ने होइए परभुता, सासु हे मरि गेलौं
लियऽ लियऽ गोतनो अपन अलंगा, आब सोहाइए पिया पलंगा
लियऽ लियऽ ननदो अपन चोली, आब ने सोहाइए पिया बोली
दियऽ दियऽ सासु अपन पोता, आब होइए परभुता
सासु हे जीबि गेलौं पंजरबा व्यथासँ जीबि गेलौं
दियऽ दियऽ गोतनी हमर अलंगा, आब सोहाइए पिया पलंगा
दियऽ दियऽ ननदो हमर चोली, आब सोहाइए पिया बोली
</poem>
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|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
}}
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<poem>मरि गेलों हे पजरबा व्यथा सँ
मरि गेलों दरदिया व्यथा लियऽ लियऽ सासु अपन पोता
आब ने होइए परभुता, सासु हे मरि गेलौं
लियऽ लियऽ गोतनो अपन अलंगा, आब सोहाइए पिया पलंगा
लियऽ लियऽ ननदो अपन चोली, आब ने सोहाइए पिया बोली
दियऽ दियऽ सासु अपन पोता, आब होइए परभुता
सासु हे जीबि गेलौं पंजरबा व्यथासँ जीबि गेलौं
दियऽ दियऽ गोतनी हमर अलंगा, आब सोहाइए पिया पलंगा
दियऽ दियऽ ननदो हमर चोली, आब सोहाइए पिया बोली
</poem>