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बेंच पर सीला हुआ मैल था एक इंच
मेज पर मिक्खयांमक्खियाँ
चाय के जूठे गिलास
दाद पाने की इच्छा से पैदा
मूर्खता से फैलाये मैंने तारीफ में होंटहोंठ
कानों तलक