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|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
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<poem>देखैत गेन्दा बड़ लाल गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनकर बाड़ी बेली चमेली
किनकर बाड़ी गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवजी के बड़ी बेली चमेली
गौरी केर बाड़ी गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
कथीए लोढ़ब बेली चमेली
कथीए लोढ़ब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
आँचरमे लोढ़ब बेली चमेली
फांगड़मे लोढ़ब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनका चढ़ायब बेली चमेली
किनका चढ़ायब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवकेँ चढ़ायब बेली चमेली
गौरी चढ़एबनि गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनकासँ मांगब अनधन लछमी
किनकासँ माँगब सोहाग के मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवजीसँ माँगब अनधन लछमी
गौरीसँ माँगब सोहाग गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
देखैत गेन्दा बड़ लाल के मलिनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
</poem>
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